खेल
पंजाब सरकार की गुगली से क्लीन बोल्ड हरभजन, जाजपुर की उड़नपरी दुती चंद भी खेल रत्न से चूकी


नई दिल्ली। भारत के स्टार क्रिकेटर और टर्बनेटर के नाम मशहूर हरभजन सिंह और ओडिसा के जाजपुर की उड़नपरी दुती चंद राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से चूक गए हैं। इन दोनों खिलाड़ियों का नाम देरी से भेजे जाने की वजह से मंत्रालय ने उनके नामांकन को खारिज कर दिया है। मंत्रालय से प्राप्त सूचना के अनुसार भारतीय टीम के आफ स्पिनर रह चुके हरभजन सिंह का नाम पंजाब सरकार ने देरी से भेजा। यही वजह रही कि उनके नामांकन को खारिज कर दिया गया।
ओडिसा सरकार ने दुतीचंद का नाम तय समय सीमा के बाद भेजा था। इसके अलावा उनके जीते मेडल की सूचना भी सही आर्डर में प्रस्तुत नहीं की गई थी जिसकी वजह से उनके नामांकन पर विचार नहीं किया गया। इन दोनों खिलाड़ियों के नाम खारिज होने पर सियासत तेज होने लगी। क्रिकेटर हरभजन सिंह ने जहां इस मामले की जांच की मांग की है, वहीं एथलीट दुती चंद ने अपना नामांकन रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद एथलीट दुती चंद का कहना था कि मुख्यमंत्री की तरफ से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि नाम भेजेंगे। अभी इसमें देरी नहीं हुई है। वहीं अपना नामांकन रद्द होने से हरभजन ने सोशल मीडिया पर इस लापरवाह रवैये की आलोचना करते हुए जमकर भड़ास निकाली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि खेल मंत्रालय में कागजात देरी से पहुंचने की वजह से मुझे इस साल खेल रत्न पुरस्कार नहीं मिल पाएगा।
हरभजन ने कहा कि मैं पंजाब सरकार के खेल मंत्री से गुजारिश करना चाहता हूं कि वे इस मामले में जांच करें कि क्यों मेरे नामांकन में देरी की गई। जब मैंने 20 मार्च तक अपने कागजात जमा कर दिए थे, फिर इसमें देरी कैसे हुई। अगर समय पर राज्य सरकार इसे भेज देती तो मुझे इस साल राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मिल जाता। हरभजन यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि खिलाड़ी के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें कोई पुरस्कार मिलता है तो ये प्रेरणादायी होता है। अगर इसी तरह से देरी होती रही तो कई खिलाड़ी पुरस्कार से वंचित रह जाएंगे, साथ ही आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि संबंधित मंत्री इस दिशा में काम करेंगे और केंद्र को मेरा नामांकन सही समय पर भेजेंगे।
वहीं इन सारे मामलों पर चुप्पी तोड़ते हुए पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरभजन का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए भेजा था, मगर केंद्र ने नामांकन रद्द कर दिया। ऐसा क्यों किया गया, हम कारण का पता लगाएंगे कि आखिर चूक कहां और कैसे हुई। कई बार खिलाड़ियों की नींद भी देरी से खुलती है। हम गलती का पता लगा रहे हैं, अगर किसी अधिकारी की गलती से नामांकन रद्द किया गया तो उसकी जांच की जाएगी।